सोने की चिड़िया से आजाद भारत तक: भारत की एतिहासिक यात्रा

भारत का इतिहास: उत्तर में हिमालय  से लेकर दक्षिण में  समुद्र तक फैला हुआ है  यह  उपमहाद्वीप  भारत वर्ष  के  नाम से  ज्ञात  है, जिससे  महाकाव्य  तथा  पुराणों में  भारत वर्ष  अर्थात  भारत का देश  तथा  यहां के  निवासियों  को  भारतीय अर्थात  भारत  की  संतान  कहा जाता है,। भारत एक  प्राचीन  कबीले  का नाम था इसका उल्लेख  ऋग्वेद  में भी मिलता है  बाद मे इसका प्रयोग देश के लिए होने लगा। यूनानी  इसे इंडे और  अरब  इसे हिंद  कहते  है मध्य काल में इस देश को हिन्दुस्तान कहा जाने लगे । यह  शब्द  भी  फारसी  शब्द   हिन्दू  से बना है । यूनानी भाषा के  इंडे के आधार पर अंग्रेज इसे इंडिया कहने लगे ।

                          प्राचीन भारत

  1. प्राचीन भारत इतिहास के श्रोत

प्राचीन भारतीय इतिहास के विषय मे जानकारी  मुख्यत चार स्रोतो से प्राप्त होती है 1.धर्मग्रंथ  2. एतिहासिक ग्रंथ 3. विदेशी का विवरण  4. पुरातत्व संबंधी  साक्ष्य.

:भारत का इतिहास ,धर्मग्रंथ एवं  एतिहासिक  ग्रंथ से मिलनेवाली महत्वपूर्ण जानकारी

  • भारत का सर्व प्राचीन  धर्मग्रंथ  वेद है ,जिसके संकलन  कर्ता  महर्षि  कृष्ण  दीपयान  वेदव्यास  को माना जाता है । वेद वासुदेव  कुटुम्बकम  का उपदेश देता है भारतीयों परंपरा वेदों को नित्या तथा  अपौरुषेय  मनती है । वेद चार है —  ऋग्वेद  ,यजुर्वेद,  सामवेद एवं  अर्थात वेद। इन चार वेदों को  संहिता  कहा जाता है।
  • ऋग्वेद 

ऋचा के  क्रम बंध  ज्ञान  के संग्रह  को ऋग्वेद  कहा जाता है ।

विश्वामित्र द्वारा रचित ऋग्वेद के तीसरे मंडल में सूर्य  देवता सावित्री को समर्पित  प्रसिद्ध गायत्री मंत्र है। इसके 9 वे  मंडल में देवता  सोम  का  उल्लेख है ।भारत का इतिहास

इसके  8 वे  मंडल की हस्तलिखित ऋचाऔ को खिल कहा जाता है ।

ऋग्वेद  का सबसे बड़ा  10 वा मंडल है । नदीससुती सूखत, पुरुष सूखत , nasdiy सूक्त  ,सूर्य सूक्त  आदि  सम्मिलित  है ।

ऋग्वेद  में ब्राह्म का उल्लेख   तो है किन्तु  आत्मा  का नहीं है।

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