
जीव द्रव्य (Protoplasm)
- जीव द्रव्य का नामकरण purkenje के द्वारा सन 1839 ईस्वी में किया गया।
- यह एक तरल गारहा रंगहीन परभासि लस लसा ,वजन युक्त ।पदार्थ है। जीव की सारी जेविक क्रियाएं इसी के द्वारा होती है। इसीलिए जीव द्रव्य को जीवन का भौतिक आधार कहते है
जीव द्रव्य को भागों में बांटा होता है

1.कोशिका द्रव्य :(Cytoplasm) यह कोशिका में केन्द्रक एवं कोशिका झिल्ली के बीच रहता है।
2.केंद्र द्रव्य : (Nucleoplasm) यह कोशिका में केन्द्रक के अंदर रहता है।
- जीव द्रव्य का 99% भाग निम्न चार तत्वों से मिलकर बना होता है– कोशिका के अध्ययन
1.ऑक्सीजन (76%) 2.कार्बन (10.5%) 3.हाइड्रोकार्बन (10%) 4 नायट्रोजन (2.5%).
- जीव द्रव्य का लगभग 80% भाग जल होता है।
- जीव द्रव्य में अकार्बनिक एवं कार्बनिक योगिको का अनुपात 81: 19 का होता है।
कोशिका (Cell)कोशिका के अध्ययन
- कोशिका Cell जीवन की सबसे छोटी कार्यात्मक एवं संग रचनाआत्म इकाई है।
* कोशिका के अध्ययन विज्ञान को Cytology कहा जाता है।
- कोशिका शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम अंग्रेज वैज्ञानिक Robat hook ने 1665 ईस्वी में किया था । इन्होंने कारक में कोशिकाऔ की खोज की थी।
- सबसे छोटी कोशिका जीवाणु mycoplasm gallisepticuma की है।
- सबसे लंबी कोशिका तंत्रिका तंत्र की कोशिका है।
- सबसे बड़ी कोशिका शुतुरमुर्ग के अंडे (Ostrich egg) की कोशिका है।
- कोशिका सिधांत का प्रतिपादन 1838-39 ईस्वी methiyas slaiden और thiyodar स्वान ने किया। पहली बार radalfho bircho (1855) ने साफ किया कि कोशिका विभाजित होती है और नया कोशिका का निर्माण पूर्ण स्थित कोशिकाऔ के विभाजन से होता है।
कोशिका कोशिका के अध्ययन सिधांत की मुख्य बाते इस प्रकार है–
1.सभी जीव कोशिका व कोशिका उत्पाद से बने होते है।
2.सभीकोशिकाएं पूर्व स्थित कोशिकाऔ से निर्मित होती है।
3 कोशिका का निर्माण जिस काम से होता है ,उसमें केन्द्रक मुख्य अभिकर्ता (Creator) होता है।
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