
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजातियों आयोग भी एक संविधानिक निकाय है । इसका गठन संविधान के अनुच्छेद 338 क के द्वारा किया गया है ।
2003 के 89 वे संविधान संशोधन अधिनियम, जो 19-02-2004 से प्रभाव में आया, के द्वारा संविधान में एक नया अनुच्छेद 238 क जोड़ा गया ,जिसके अंतर्गत यह आयोग बना।
इसमें भी एक अध्यक्ष ,एक उपाध्यक्ष एवं तीन सदस्य होते है ।सभी की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा होती है।जिसका कार्यकाल तीन वर्ष का होता है ।दो कार्यकाल से अधिक से अधिक के लिए नियुक्ति नहीं होती है।
आयोग आपना वार्षिक प्रतिवेदन राष्ट्रपतियों को प्रस्तुत कर्ता है । यदि आवश्यक समझा जाता है तो जाता समय दर्जा