
कंप्युटर (Computer) शब्द की उत्पति अंग्रेजी भाषा के कंप्युट (Comput ) शब्द से हुए है ,जिसका अर्थ है ‘ गणना करना ‘ ।
आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र मे कंप्युटर का समावेश है । वृहत्त पैमाने पर गणना करने वाले इलेक्ट्रॉनिक संयंत्र को संगणक अथवा कंप्युटर कहते है , अर्थात कंप्युटर वह युक्ति है जिसके द्वारा स्वचलित रूप से विविध प्रकार के आकड़ों को संसाधित व संचयी त किया जाता है ।

कंप्युटर का विकास
1.कंप्युटर का विकास 1642 ईस्वी में Blejh Paskal ने विश्व का पहला यात्रिक celculater बनाया। इससे Pasklin कहा जाता है ।
2.1833 ईस्वी में अंग्रेज वैज्ञानिक चार्ल्स baibej ने स्वचलित Calculater अर्थात कंप्युटर की पहली बार परिकल्पना की । पर 40 वर्ष के अथक परिश्रम के बावजूद वे इससे। बना ना सके । उन्हें आधुनिक कंप्युटर का जन्मदाता कहा जाता है ।सर्वप्रथम कंप्युटर प्रोग्राम तैयार करने का श्रेय उनकी शिष्य Ada Agasta Lavles को जाता है । उन्होने अपने नाम पर कंप्युटर प्रोग्राम का नाम रखा — इडा ।
3.1880 में Harlin Holorith ने baibej की परिकल्पना को साकार किया ।उन्होंने एक इलेक्ट्रॉनिक tebuelating मशीन बनाई, जो पच कार्ड की मदद से सारा कार्य स्वचलित रूप से करती थी । Harlen Holorith द्वारा panch कार्ड के अविष्कार ने कंप्युटर के विकास में महती योगदान दिया। यही पच कार्ड आज भी कंप्युटर में प्रयोग किया जाता है ।
4.1937 ईस्वी में Howard Elkjn ने पहला यांत्रिक कंप्युटर मार्क 1 बनाया ।

5.कंप्युटर का विकास द्वितीया विश्व युद्ध के समय (1939-45) कंप्युटर विज्ञान के क्षेत्र मे तेजी से विकास हुआ । द्वितीया विश्व युद्ध के उपरांत आधुनिक कंप्युटर के सभी प्रमुख सिद्धांतों का विकास हुआ ।
6.गणना मशीन के क्षेत्र मे प्रथम क्रांति 1946 मे तब आयी जब J P Ekart एवं Jon Moshli ने विश्व के पहले इलेक्ट्रॉनिक कंप्युटर ENIAC-1 (Elecronic Numerical Integrator & Calculater )का अविष्कार किया । इसमे स्विच के रूप मे इलेक्ट्रॉनिक बल्ब या वैक्यूम ट्यूब का उपयोग किया गया था ।
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7.कंप्युटर के विकास में सर्वाधिक योगदान जान वान new men का है । जान वान new men ने 1951 में कंप्युटर क्रांति को सही दिशा दी। उन्होंने EDVAC (Elecronic Descrete Variable Automatic Computer) का अविष्कार किया । इसमे उन्होंने Stored Program का इस्तेमाल किया । कंप्युटर का विकास के कार्य के लिए Binary System के प्रयोग का श्रेय भी उन्हीं को जाता है ।