
कोशिका (Cell) जीवन की सबसे छोटी कार्यात्मक एवं संरचनात्मा इकाई है ।

- कोशिका भीति: (Cell wall) – यह केवल पादप कोशिका में पाया जाता है । यह celuloja का बना होता है। यह कोशिका को निश्चित आकृति एवं आकार बनाये रखने में सहायक होता है। जीवाणु का कोशिका भीति Peptidogylcan का बना होता है।
- कोशिका झिल्ली ( Cell membrance):- कोशिका के सभी अवयव एक पतली झिल्ली के द्वारा घिरे रहते है ,इस झिल्ली को कोशिका झिल्ली कहते है ।यह ardhpargamya झिल्ली (Semipermeable membrance) होती है । इसका मुख्य कार्य कोशिका के अंदर जाने वाले एवं अंदर से बाहर आने वाले पदार्थों का निर्धारण करना है । कोशिका झिल्ली लिपिड की बनी होती है । यह लिपिड घटक fhalsfhogilsriedge के बने होते हैं। बाद मे जेव रासायनिक अनुसंधानों से यह साफ हो गया है कि कोशिका झिल्ली मे प्रोटीन व carbohaidred पाया जाता है ।
- तारककाय ( Centrosome) : – इसकी खोज बोबेरी ने की थी । यह केवल जंतु कोशिकाऔ में पाया जाता है । तारककाय के अंदर एक या दो कण जैसी रचना होती है ,जिस से cenityol कहते हैं।
- Endoplasmic reticulum) :- yukeriyotics कोशिकाऔ के कोशिका द्रव्य में पतले, आपस में जुड़े थैलि युक्त छोटी नली कवत जालिका तंत्र बिखरा रहता है जिससे Endoplasmic reticulum कहते हैं।
- Ribosome: सर्वप्रथम Ribonson एवं brawn ने 1953 में पादप कोशिका में तथा जी. ए. पोलैंड ने 1953 में जंतु कोशिका में Ribosome को देखा और 1958 में रॉबर्ट ने इसका नामकरण किया।
- Maitocondrila: इसकी खोज Altman ने 1886 में की थी। बेड़ा ने इसका नाम Maitocondrila दिया। यह कोशिका का सावसन स्थल है । कोशिका में इसकी संख्या निश्चत नहीं होती है । ऊर्जा युक्त carbanic पदार्थों का oxygen Maitocondrila में होता है, जिससे काफी मात्रा मे ऊर्जा प्राप्त होती है । इसलिए Maitocondrila को कोशिका का शक्ति केंद्र ( Power house of cell) कहते हैं।
- Galgi body: इसकी खोज kemilo golji नामक साइंटिस्ट्स ने की थी। यह सुक्ष्म नायिकाओं tubules के समूह एवं थैलियों का बना होता है । Golji काम्प्लेक्स में कोशिका द्वारा साँस प्रोटीन एवं अन्य पदार्थों की पुती काओ के रूप मे पैकिंग की जाती है ।
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